Science 9th मिश्रण , एवं समांगी और विषमांगी मिश्रण।।

शुद्ध पदार्थ से आशय -:-

           हम जानते है बाजार से खरीदा हुआ दूध, घी, मक्खन , नमक,मसाला, जूस, इत्यादि ये सब शुद्ध नही होते बल्कि मिश्रण होते है।

लेकिन इन डिब्बो के ऊपर जरूर  'शुद्ध ' शब्द लिखा होता है  ।  एक साधारण व्यक्ति के लिए  शुद्ध का मतलब  मिलावट विहीन होता है ।

वैज्ञानिक मत-    ये सभी वस्तुएं  विभिन्न पदार्थो के मिश्रण है  अतः शुद्ध नही है ।
जैसे -  दूध →  ( जल +वसा+प्रोटीन ) का मिश्रण है।

 शुद्ध पदार्थ-:-  
     वे पदार्थ जो निश्चित संगटन रखते है शुद्ध पदार्थ कहलाते है , जैसे सोना जल आदि। अथवा     शुद्ध से तात्पर्य  यह है कि  उस पदार्थ में मौजूद सभी तत्वों की रासायनिक प्रकृति एक समान है  अर्थात एक शुद्ध पदार्थ  एक ही प्रकार के कणों से  मिलकर बना होता है ।

मिश्रण क्या है -
              यह दो या दो से अधिक तत्वों या यौगिकों से मिलकर बना होता है । 
अथवा:- जब दो या दो से अधिक घटक एक साथ किसी भी अनुपात में उपस्थित हो , बिना किसी रासायनिक परिवर्तन के , तब उसे मिश्रण कहा जाता है। जैसे जल व नमक का मिश्रण 
 इस प्रकार हम जानते है कि मिश्रण में एक से अधिक शुद्ध  पदार्थ होते है।
मिश्रण के प्रकार-
                                      मिश्रण दो प्रकार का होता है।

समांगी मिश्रण :- दो या दो से अधिक पदार्थो का ऐसा मिश्रण जो देखने मे समांगी प्रतीत होता है  ,समांगी मिश्रण कहलाता है । 
  समांगी मिश्रण के लक्षण:-
  • १. इसके अवयवों को आसानी से देखना संभव नहीं है।
  • २. इसके अवयवों के बीच कोई स्पष्ट पृथक्करण सीमाएं नहीं होती हैं।
  • ३. इसमें एक समान संघटन होते हैं।
  • ४. उदाहरण: जल में नमक, ऐल्कोहॉल में जल।

विषमांगी मिश्रण:-           ऐसा मिश्रण जिसमे पदार्थ  के अवयव अलग -अलग दिखाई दे  विषमांगी मिश्रण कहलाता है ।
        विषमांगी मिश्रण लक्षण 
  • १ इसके अवयवों को हराया आसानी से देखना संभव है।
  • २. इसके अव्यय के बीच स्पष्ट पृथक्करण सीमाएं होती है।
  • ३. इसमें एक समान संघटन नहीं होते।
  • ४. उदाहरण: तेल में जल और जल तथा रेत का मिश्रण।

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