हमारे आस पास के पदार्थ ( Matter in Our Surroundings )

 पदार्थ (Matter)             

      संसार की प्रत्येक वस्तु जिस सामग्री से मिलकर बनी होती है उसे पदार्थ कहते है ।

अर्थात  वे वस्तुएं जिनमे द्रव्यमान होता है तथा स्थान घेरती है  पदार्थ कहलाती है। 

जैसे :- जल पत्थर रेत कागज लकड़ी इत्यादि।

पदार्थ की विशेषताए :-

  • पदार्थ के कण अविनाशी होते है ।
  • पदार्थ के कण बहुत छोटे होते है।
  • पदार्थ के कणों के बीच मे रिक्त स्थान होता है।
  • पदार्थ के कण निरंतर घूमते रहते है।
  • पदार्थ के कण एक दूसरे को आकर्षित करते है।

पदार्थ की अवस्थाये States of matter:-     

  पदार्थ तीन रूपो में पाया जाता है ।जो निम्नांकित है-

1. ठोस अवस्था ( solid solid ):-  वे पदार्थ जिनका आकार व आयतन निश्चित होता है तथा संपीड़न शून्य होता है  ठोस कहलाते है। ठोस के कणों के बीच प्रबल बंध पाया जाता है ।

अर्थात ठोस कठोर होते है  इसलिये इनके आकार को बदला नही जा सकता है। 

द्रव अवस्था ( liquid state ) :-                                                                                                                                                                         वे पदार्थ जिनका आकार नही लेकिन आयतन निश्चित होता है तथा इनके  कणों के बीच दुर्बल बंध पाए जाते है  यही कारण है कि जिस बर्तन में इन्हें रखा जाता है तो ये उसी का आकार ले लेते है । द्रवों में बहाव होता है और एक आकार बदलता रहता है इसलिए ये कठोर नही बल्कि तरल होते है 


गैसीय अवस्था (gaseous state ):-                                                                                                                                                                 वे पदार्थ जिनका आकार और आयतन  दोनों निश्चित नही होते है  तथा बहुत अधिक संपिड्या  ( Compression)  होते है ।

                            इनके कणों की गति अनियमित और अत्यधिक तीब्र होती है  इसी अनियमित गति के कारण इनके कण आपस मे एवं बर्तनों की दीवार से टकराते रहते है।  इनके कणों के बीच कोई बंध नही पाए जाते है



ठोस द्रव तथा गैस अवस्थाओं की तुलना    


 गुण     

 ठोस 

 द्रव 

 गैस 

 आकार 

 निश्चित रहता है।  

 अनिश्चित रहता है। पात्र के अनुसार आकार ग्रहण करता है 

     अनिश्चित रहता है                                     

 आयतन 

  निश्चित रहता है

  निश्चित रहता है 

       अनिश्चित रहता है                                  

 घनत्व 

 अधिक होता है। 

 ठोस से कम होता है     

  बहुत कम होता है।  

 दाब का प्रभाव 

 बहुत कम होता है। 

 ठोस की अपेक्षा अधिक होता है 

 बहुत अधिक पड़ता है 

आणविक सरंचना 

                               

बंध 

उदाहरण 

 अणु अत्यधिक निकट होते है स्थित होते है 

प्रबल  

लोहा पत्थर हीरा 

 अणुओ के मध्य दुरी ठोस से अधिक होती है 

दुर्बल 

जल मर्करी दूध तेल 

अणुओ के मध्य दूरी  अधिक होती है                

नगण्य 

वायु हाइड्रोजन नाइट्रोजन


गलनांक( Melting  point) :-  

                वह न्यूनतम तापमान जिस पर कोई ठोस पिघलकर द्रव बन जाता है , वह उसका गलनांक कहलाता है । यह ताप सम्पूर्ण ठोस पदार्थ के द्रव अवस्था में परिवर्तित होने तक निश्चित रहता है।  इस समय ठोस को दी गई ऊष्मा गलन की गुप्त ऊष्मा (LATENT HEAT OF FUSION ) कहलाती है   

                       अर्थात जब किसी ठोस को गर्म किया जाता है तो  ठोस के कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है जिसके कारण कण अधिक तेजी से कंपन करने लगते है । और दी गयी ऊर्जा कणों के बीच के आकर्षण बल को पार कर जाती है ।इस कारण कण अपने नियत स्थान से हटकर स्वतंत्र होकर गति करने लगते है  और एक अवस्था ऐसी आती है कि ठोस पिघलकर द्रव में परिवर्तित हो जाता है।


क्वथनांक ( BOILING  POINT ) :-

      वह निश्चित ताप जिस पर  किसी द्रव का वाष्प  दाब वायुमंडलीय  दाब के बराबर  होता है द्रव का क्वथनांक कहलाता है।    या  एक निश्चित तापमान   जिस पर कोई द्रव  उबलने लगता है  उसे उसका क्वथनांक कहते है।  इस ताप पर दी गयी ऊष्मा की मात्रा  वाष्पन की गुप्त ऊष्मा ( Latent  heat  of Evaporation ) कहलाती है 

जब हम जल को उष्मीय ऊर्जा देते है तो जल के कण आकर्षक बल को तोड़कर स्वतंत्र हो जाते है जिससे द्रव गैस में बदलना प्रारंभ हो जाता है।



      

           

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