न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का नियम-Newton's law of universal gravitation-

.1..न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण  का नियम-
                       इस नियम के अनुसार -
                          दो पिंडो के बीच लगने वाला आकर्षण बल उनके द्रव्यमानो के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दुरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है ।
      माना दो पिंडो का द्रव्यमान  m1 व m2 है तथा उनके बीच की दूरी r है तो उनके बीच लगने वाला बल F होगा -
                             F  m1m2
                           F∝1/r2
                    F ∝ m1m2 / r2
                    F =G m1m2 / r2
यहाँ G एक समानुपातिक नियतांक है जिसे  सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहते है !   
2. गुरुत्वीय त्वरण -
                       स्वतंत्रता पूर्वक नीचे गिरती वास्तु के वेग में पृथ्वी के आकर्षण बल के कारण प्रति सेकंड जितनी वृद्धि होती है  उसे गुरुत्वीय त्वरण कहते है ! इसे  g  से प्रदर्शित करते है !  S.I. पद्धति में इसका मात्रक मीटर / सेकण्ड2 है !
                  g  का मान  9.8 मीटर / सेकण्ड2  या 980  मीटर / सेकेण्ड माना जाता है 
 G व् g  में सम्बन्ध (Relationship between G  and g )-
                                        माना की पृथ्वी का द्रव्यमान M व् त्रिज्या R  है ! माना m द्रव्यमान की वस्तु पृथ्वी के तल पर रखी है ! यदि  पृथ्वी के केंद्र से वस्तु की दूरी R है !तो न्यूटन के सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियम से पृथ्वी के कारण वस्तु पर लगने वाला बल -                                                             
                  
 F =   GMm/ R2  ----(1)समी 
              यदि गुरुत्वीय त्वरण g हो तो न्यूटन के द्वितीय नियम से 
              पृथ्वी के कारण वस्तु पर बल =द्रव्यमान  x  गुरुत्वीय त्वरण 
          F =   m x g   ---------(2)समी0
        
  समी0 ( 2 ) से  F का मान समी0 (1)  में रखने पर 
               mg = GMm / R2
                   g= GMm / R2m
                g= GM / R2
g का मान पृथ्वी के द्रव्यमान व् त्रिज्या पर निर्भर करता है न कि वस्तु के द्रव्यमान पर !

  G और g में अंतर --
           G
            g
G ग्रुत्वकर्षण नियतांक है
g पृथ्वी के आकर्षण के कारण  वस्तु का त्वरण है  
G  का मान सभी स्थानों में एक सामान रहता है!    
g का मान भिन्न भिन्न स्थानों में भिन्न भिन्न होता है 
G एक अदिश राशि है !
g एक सदिश राशि है !
एकांक दूरी पर रखे दो एकांक द्रव्यमान के पिंडो बीच लगने वाले आकर्षण बल के संख्यात्मक मान को G  कहते है !
स्वतंत्रता पूर्वक नीचे गिरते पिण्ड में पृथ्वी के आकर्षण बल के कारण उत्पन्न त्वरण को g  कहते है !
G का मान 6.67x10-11 न्यूटन मीटर2 / किग्रा 2 है 
 g  का मान  9.8 मीटर / सेकण्ड2  या 980  मीटर / सेकेण्ड माना जाता है 
             
https://youtu.be/7AoPchy7eAY

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