उत्प्रेरक(CATALYSIS) ( उत्प्रेरण )- Inducement

उत्प्रेरण (Inducement)➦ 
                              जब कोई पदार्थ अपनी उपस्थिति मात्र से अभिक्रिया के वेग को बढ़ा या घटा देते है। तब ऐसे पदार्थो को उत्प्रेरक तथा इस घटना को उत्प्रेरण कहते है।  
                                                  अथवा 
 उत्प्रेरक वे पदार्थ है जो किसी भी अभिक्रिया की दर को प्रभावित करते है। ये  या तो  अभिक्रिया की दर  बढ़ा देते है या फिर घटा देते है।  उत्प्रेरक कहलाते है।  बर्जीलियस नामक वैज्ञानिक ने उत्प्रेरक की खोज की थी।
   जैसे - पोटेशियम क्लोरेट को मैगनीज डाई ऑक्साइड के साथ गर्म करने पर O2  तीब्र गति से निकलती है। 
 वर्गीकरण - उत्प्रेरण को दो वर्गों में विभाजित किया जाता है। 
           
  (1 )      समांगी उत्प्रेरण - जब क्रियाकरक तथा उत्प्रेरक की भौतिक अवस्था सामान होती है तब इसे समांगी  उत्प्रेरण कहते है। 
जैसे (1 ) ↪ इसमें  क्रियाकारक  तथा  उत्प्रेरक तीनो ठोस अवस्था में है। 
                            
   (2 ) H2SO4  बनाने की सीस विधि  इसमें क्रियाकरक और उत्प्रेरक तीनो गैसीय अवस्था में है। 

     (2 )  विषमांगी उत्प्रेरण -जब क्रियाकरक तथा उत्प्रेरक की भौतिक अवस्था भिन्न भिन्न  होती है                                                         तब इसे  विषमांगी उत्प्रेरण कहते है। 
         जैसे ➥ (1 ) H2SO4  बनाने की सम्पर्क  विधि -        

(2 ) अमोनिया बनाए की हैबर  विधि -
   

          
       उत्प्रेरक के प्रकार ➥  उत्प्रेरक चार प्रकार के होते है
(1 ) धनात्मक उत्प्रेरक ➤
                       वे उत्प्रेरक जो रासायनिक अभिक्रिया के वेग को बढ़ा देते है धनात्मक उत्प्रेरक कहलाते है।

(2 )ऋणात्मक उत्प्रेरक ➤
                        वे उत्प्रेरक जो रासायनिक अभिक्रिया के वेग को घटा  देते है ऋणात्मक  उत्प्रेरक कहलाते है।

(3 )प्रेरित उत्प्रेरक  ➤जब एक रासायनिक अभिक्रिया दूसरी रासायनिक अभिक्रिया के वेग को प्रभावित करती                                 है। तो इसे  प्रेरित उत्प्रेरक कहते है।

(4 ) स्वतः उत्प्रेरक ➤ जब रासायनिक क्रिया के द्वारा बना पदार्थ स्वतः उत्प्रेरण का कार्य करने लगे तो उसे                      स्वतः  उत्प्रेरक कहते है। 
उत्प्रेरण 

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