संकलन अभिक्रिया (Compilation reaction) प्रतिस्थापन अभिक्रिया (Substitution reaction) एथेनॉल
➮संकलन अभिक्रिया (Compilation reaction)⇛
वह अभिक्रिया जिसमे असंतृप्त हाइड्रोकार्बन पैलेडियम अथवा निकैल उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन को जोड़कर संतृप्त हाइड्रोकार्बन बना लेते है तो इस अभिक्रिया को संकलन अभिक्रिया कहते है।जैसे ➨
जंतु वसा में संतृप्त हाइड्रोकार्बन की श्रृंखला पायी जाती है जो स्वस्थ के लिए हानिकारक होती है लेकिन वनस्पति तेलों में असंतृप्त हाइड्रोकार्बन की श्रृंखला होती है जो स्वास्थ के लिए लाभप्रद होती है इसलिए भोजन के लिए अधिकाधिक वनस्पति तेलों का उपयोग किया जाता है
संतृप्त हाइड्रोकार्बन अत्यधिक अनभिकृत होते है लेकिन यह सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में क्लोरीन से संकलित हो जाते है। और एक क्लोरीन परमाणु हाइड्रोजन परमाणु को प्रतिस्थापित कर देता है इसलिए इसे प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहते है।
सूर्य प्रकाश
CH4+Cl2 ――⟶ CH3Cl+HCl
(2) एथीन का निर्माण ➥ एथेनॉल को 443K तापमान पर सांद्र H2SO4 के साथ गर्म करने पर एथीन बनता है।
चूंकि यह पूरी क्रिया सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में होती है
इसलिए इसे प्रकाशिक अभिक्रिया भी कहते है।
क्या आप उत्प्रेरक को जानते है
एथेनॉल →
यह एक प्रसिद्द एल्कोहल है जिसे एथिल एल्कोहल के नाम से
क्या आप उत्प्रेरक को जानते है
एथेनॉल →
यह एक प्रसिद्द एल्कोहल है जिसे एथिल एल्कोहल के नाम से
जाना जाता है इसका सामान्य सूत्र -C2H5OH है। या C2H6O
एथेनॉल का निर्माण →
ग्लूकोस का किण्वन करने पर एथेनॉल प्राप्त होता है और कार्बन डाई ऑक्साइड गैस मुक्त होती है।
C6H12O6 ⟶ 2C2H5OH + 2CO2
ग्लूकोज एथिल एल्कोहल कार्बन डाई ऑक्साइड
एथेनॉल के गुणधर्म ⇒
- इसका गलनांक 156 K व् क्वथनांक 351K होता है।
- यह कमरे के तप पर द्रव अवस्था में होता है।
- यह सभी पेय एल्कोहॉलों का मुख्य है।
- यह एक अच्छा विलायक है।
- इसका उपयोग औषधियों के रूप में होता है जैसे - टिंचर ,कफ सीरप ,टॉनिक आदि।
(1 ) सोडियम के साथ क्रिया ➥ एथेनॉल सोडियम से क्रिया करके सोडियम एथाऑक्साइड बनाता है और हाइड्रोजन गैस मुक्त होती है।
2Na +2C2H5OH → 2C2H5ONa +H2
या
2Na +2CH3CH2OH → 2CH3CH2ONa +H2
(2) एथीन का निर्माण ➥ एथेनॉल को 443K तापमान पर सांद्र H2SO4 के साथ गर्म करने पर एथीन बनता है।
443K तापमान
C2H5OH ───→ C2H4 + H2O H2SO4
अथवा
443K तापमान
443K तापमान
CH3 - CH2 - OH ───→ CH2=CH2 + H2O
इस अभिक्रिया में सल्फ्यूरिक अम्ल का निर्जलीकरण होता है जिसके कारण एथेनॉल से जल अलग हो जाता है।
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